राजधानी में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लो मीटर की आपूर्ति के लिए दिल्ली जल बोर्ड को टेंडर देने में अनियमितता बरतने और करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए दिल्ली जल बोर्ड के जगदीश अरोड़ा और अनिल अग्रवाल को चार दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया है।
राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश भूपिंदर सिंह ने सरकारी वकील और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद ईडी को हिरासत की मंजूरी दे दी। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता जगदीश अरोड़ा और ठेकेदार अनिल अग्रवाल को पेश किया और सात दिन की हिरासत मांगी। उन्हें बुधवार को गिरफ्तार किया गया था।
ईडी के विशेष लोक अभियोजक, मनीष जैन और अधिवक्ता इशान बैंसला ने कोर्ट से आग्रह किया कि जांच के दौरान बरामद डिजिटल डेटा से उनका सामना कराने के लिए आरोपियों की हिरासत की आवश्यकता है।
सरकारी वकील ने यह भी कहा गया कि कुछ अन्य लोगों को भी बुलाया जा रहा है। उनका आरोपियों से आमना-सामना कराने की जरूरत है। इसलिए इनकी फिजिकल रिमांड की आवश्यकता है।
आरोप है कि आरोपी ने 20 सितंबर, 2018 को मेसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को पांच साल के लिए इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लो मीटर की आपूर्ति, स्थापना, परीक्षण और कमीशनिंग (एसआईटीसी) और संबंधित ओ एंड एम संचालन के लिए दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने ठेका दिया। इस ऑर्डर की कुल लागत 38 करोड़ 02 लाख 33 हजार अस्सी रुपये थी। इतनी बड़ी लागत का ठेका एक ऐसी कंपनी को दे दिया गया तो विभाग द्वारा तय किए गए मानदण्डों को पूरा नहीं करती थी।