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दिल्ली दंगे 2020: AAP के पार्षद ताहिर हुसैन की बेल अर्ज़ी ख़ारिज

Delhi Riots 2020 Tahir

दिल्ली की एक अदालत ने ताहिर हुसैन की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी है। ताहिर हुसैन गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत दिल्ली दंगों की व्यापक साजिश में आरोपी है। कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी नेयूए(पी)ए और गवाहों के बयानों के आधार पर आरोपी की जिम्मेदार भूमिका प्रावधानों का हवाला देते हुए याचिका खारिज कर दी। ।

अदालत ने 30 मार्च को जारी आदेश में कहा, “उपर्युक्त तथ्यों और यूए (पी)ए की धारा 43 (डी) (5) के तहत प्रावधानों पर विचार करते हुए, अदालत आवेदक के मामले को जमानत के लिए अयोग्य मानती है।”

2020 के उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों की साजिश से संबंधित वर्तमान एफआईआर के बाद 6 अप्रैल, 2020 को आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। जांच पूरी होने पर 16 सितंबर, 2020 को आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया था। इसके अतिरिक्त, पूरक आरोप पत्र दायर किए गए और जांच पूरी होने को लेकर मामला लंबित है।

रिकॉर्ड की समीक्षा करने पर, अदालत ने अभियुक्त के खिलाफ आरोपों को प्रथम दृष्टया विश्वसनीय पाया। अदालत ने टिप्पणी की, “अभियोजन पक्ष द्वारा चित्रित आवेदक की भूमिका के संबंध में, सबूत इंगित करते हैं कि आवेदक ने न केवल दंगाई गतिविधियों को वित्त पोषित किया, बल्कि दंगों के लिए सक्रिय रूप से भाग लिया।”

अदालत ने सीआरपीसी की धारा 161 के तहत दर्ज किए गए गवाहों के बयानों पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से राहुल कसाना की गवाही का हवाला देते हुए, जो आरोपियों को दंगों की तैयारी के लिए प्रदर्शनकारियों को धन वितरित करने और सह-अभियुक्त व्यक्तियों के साथ बैठकों में संलिप्तता को साबित करता  है।

अदालत ने कहा, “यह भी ध्यान दिया गया है कि आवेदक ने कथित घटनाओं से ठीक दो दिन पहले अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर वापस पा ली थी और उसके आवास से 22 चले हुए कारतूस बरामद किए गए थे।”

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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