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बृजभूषण सिंह की कोर्ट में दलील, कथित यौन उत्पीड़न के आरोप से मुक्त किया जाए

Brij Bhushan Singh

भाजपा सांसद और डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने कथित अपराध की रिपोर्ट करने में देरी और शिकायतकर्ताओं के बयानों में विरोधाभास का हवाला देते हुए महिला पहलवानों द्वारा उनके खिलाफ दायर यौन उत्पीड़न मामले में आरोपमुक्त करने की मांग की है।
सिंह का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने दिल्ली मेट्रोपॉलिटन अदालत से कहा कि घटनाएं 2012 में घटी बताई गई थीं, लेकिन पुलिस को इसकी सूचना 2023 में दी गई।
सिंह और उनके सह-आरोपी, भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ आरोप तय किए जाने चाहिए या नहीं, इस पर बहस के दौरान अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) प्रियंका राजपूत के समक्ष यह दलील पेश की गई।
वकील ने कहा, “कथित अपराधों की रिपोर्ट करने में काफी देरी हुई। 2012 की घटनाओं की रिपोर्ट 2023 में पुलिस को दी गई। कथित घटनाएं अलग-अलग समय और स्थानों पर हुईं। घटनाओं के बीच कोई संबंध नहीं है…वहां अदालती कार्यवाही के दौरान हलफनामे और शिकायतकर्ताओं के बयान में भी विरोधाभास है।
अदालत 6 फरवरी, 2024 को मामले की सुनवाई फिर से शुरू करने वाली है।
इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने अदालत से मामले में सिंह के खिलाफ आरोप तय करने की मांग की थी। शहर पुलिस ने आरोपियों की इस दलील का विरोध किया कि चूंकि कुछ घटनाएं विदेश में हुईं, इसलिए वे दिल्ली की अदालतों के अधिकार क्षेत्र में नहीं आतीं। पुलिस ने दावा किया कि सिंह द्वारा कथित तौर पर विदेशों और दिल्ली सहित भारत में की गई यौन उत्पीड़न की घटनाएं एक ही अपराध का हिस्सा हैं।
पुलिस ने छह बार के सांसद सिंह के खिलाफ मामले में 15 जून, 2023 को धारा 354 के तहत आरोप पत्र दायर किया है।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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