इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने 2016 में चलती ट्रेन में एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार, जिसके बाद उसे फेंक दिया गया था, के संबंध में दायर स्वत: संज्ञान याचिका में रेल मंत्रालय को नोटिस जारी किया है।
न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति बी आर सिंह की खंडपीठ ने मऊ जिले में हुई घटना के संबंध में दायर स्वत: संज्ञान याचिका पर यह आदेश पारित किया।
सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि कुल 4 लाख रुपये के मुआवजे में से 2,81,000 रुपये पहले ही पीड़ित को वितरित किए जा चुके हैं। अदालत ने पूछा कि शेष राशि अभी तक क्यों नहीं दी गई और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए किए गए उपायों के बारे में जानकारी मांगी गई।
मामले की अगली सुनवाई मार्च के पहले हफ्ते में होगी।