खाड़ी देश कतर की सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय नौ सेना के सभी आठ अफसरों को रिहा कर दिया है। करतार की सुरक्षा एजेंसियों ने इन सभी भारतीय अफसरों को कथित जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था। कतर की अदालत ने सभी आठों को फांसी की सजा सुनाई थी। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और सरकार जी जान से जुटी थी कि कतर सरकार किसी भी तरह भारतीय अफसरों को जासूसी के आरोप में फांसी दे दे, ताकि उन्हें पाकिस्तान जेल में बंद रिटायर्ड सैन्य अफसर भारतीय कुलभूषण जाधव को फांसी देने का बहाना मिल जाए।
जैसे ही यह खबर मोदी सरकार को मिली, पीएम मोदी ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को न केवल कतर भेजा बल्कि दुबई में एक कार्यक्रम में दौरान पीएम मोदी ने कतर के राष्ट्रपति शेख तमीम बिन हमद अल थानी से मुलाकात भी की थी।
इतनी बड़ी कवायद के बावजूद अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों का कहना था कि कतर के कानून बेहद सख्त हैं और भारतीय नौसेना के अफसरों को फांसी से कोई नबीं बचा सकता। उनका यह भी कहना था कतर की अदालत भारतीय पीएम मोदी के लिए अपने कानून को नहीं बदल सकती है। इसी बीच भारत के पूर्व डिपलोमेट दीपक बोरा ने जरूर यह कहा था कि भारत को अपने प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसा करना चाहिए। उनका खाड़ी देशों पर इतना प्रभाव है कि वो सभी आठों अफसरों को कतर की काल कोठरी से वापस ले आएंगे। एक टीवी चैनल के लाइव कार्यक्रम के दौरान दीपक बोरा ने अपने पुराने स्टेटमेंट को ध्यान दिलाया और फिर कहा कि भारत अब वो पहले वाला भारत नहीं है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की छवि न केवल अपने देश के कानूनों को संशोधन करने वाली बल्कि दुनिया के किसी भी देश के कानून को संशोधन करा देने वाली बन चुकी है।
भारत किसी भी देश पर दबाव जोर जबरदस्ती करने नहीं बल्कि प्यार-सहयोग और सद्भाव की नीति से बनाता है।भारत की इस नीति का दुनिया भर में डंका बज रहा है।