दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने बार-बार सम्मन जारी किए जाने के बावजूद अदालत में हाजिर न होने वाले आरोपी पर 30,000 रुपये का जुर्माना ठोंक दिया।
इससे पहले आरोपी एक बार उच्च न्यायालय से मांगी मांग चुका है और न्यायालय में हलफनामा देकर आरोपी ने कहा था कि वो अगली तारीख पर कोर्ट में पेश हो जाएगा। इस आरोपी का नाम संजीव चड्ढा है।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या अरोड़ा ने आरोपी संजीव चड्ढा पर जुर्माना लगाया और उसे डीएलएसए नॉर्थ वेस्ट में इसका भुगतान करने का निर्देश दिया।
अदालत ने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी संजीव चड्ढा को किसी न किसी बहाने से अपनी उपस्थिति से बचने की आदत है। इसे अदालत की फाइल से देखा जा सकता है।”
कोर्ट ने कहा कि आरोपी वीसी के जरिए पेश होकर कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहा है। कोर्ट ने कहा, “आरोपी संजीव चड्ढा के आचरण को देखते हुए, उस पर 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसे डीएलएसए नॉर्थ-वेस्ट में भुगतान किया जाएगा।”
अदालत ने यह भी कहा कि 12.13.2023 को दिल्ली उच्च न्यायालय ने आरोपी संजीव चड्ढा को इस अदालत के सामने पेश होने और बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिया था।
मामला 2019 में धोखाधड़ी से संबंधित धारा के तहत केशव पुरम पुलिस स्टेशन में दर्ज एक प्राथमिकी से संबंधित है और इसके बाद, दिल्ली पुलिस ने संजीव चड्ढा सहित दो आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
13 दिसंबर, 2023 को, उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता के विद्वान वकील द्वारा दिए गए एक वचन के मद्देनजर आदेश दिया था कि वह विद्वान ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित होंगे क्योंकि कार्यवाही पर कोई रोक नहीं है। याचिकाकर्ता असुविधा के लिए विद्वान ट्रायल कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगेगा और विद्वान ट्रायल कोर्ट मामले को आगे बढ़ाएगा।