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रिटायर्ड जस्टिस अजय खानविलकर बने देश के नए लोकपाल, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को राष्ट्रपति भवन में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर को लोकपाल के अध्यक्ष के रूप में शपथ दिलाई। खानविलकर ने 13 मई 2016 से 29 जुलाई 2022 तक शीर्ष अदालत की पीठ में कार्य किया था।

राष्ट्रपति सचिवालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, लोकपाल में तीन न्यायिक सदस्यों को भी नियुक्त किया गया है। नियुक्त किए गए व्यक्ति हैं न्यायमूर्ति लिंगप्पा नारायण स्वामी, न्यायमूर्ति संजय यादव और न्यायमूर्ति रितु राज अवस्थी।

इसके अतिरिक्त, सुशील चंद्रा, पंकज कुमार और अजय तिर्की को लोकपाल के गैर-न्यायिक सदस्य के रूप में नामित किया गया है।

लोकपाल का एक भ्रष्टाचार विरोधी प्राधिकरण है जो भारत में सार्वजनिक हित का प्रतिनिधित्व करता है। लोकपाल के पास केंद्र सरकार के अफसरों/ सार्वजनिक पदाधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों और भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच करने का अधिकार क्षेत्र है।
2010 में अन्ना हजारे के नेतृत्व में जन लोकपाल आंदोलन के बाद, लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम 2013 में संसद में संशोधन के साथ पारित किया गया था।
लोकपाल राष्ट्रीय स्तर पर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने के लिए जिम्मेदार है जबकि लोकायुक्त, राज्य स्तर पर यही कार्य करता है। भारत के प्रथम लोकपाल पिनाकी चंद घोष थे जिनकी नियुक्ति (तत्कालीन) राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने की थी। पिनाकी चंद्र घोष, 23 मार्च 2019 से 27 मई 2022 तक लोकपाल रहे थे। वह भी भारत के सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश थे।
प्रदीप कुमार मोहंती भारत के दूसरे लोकपाल थे। वह एक भारतीय वकील और न्यायविद और लोकपाल के न्यायिक सदस्य रह चुके थे। लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम 2013 के अन्तर्गत की जाती है।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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