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दिल्ली शराब घोटालाः केजरीवाल ने हाईकोर्ट से फिर की अर्जेंट सुनवाई की माँग, मगर रहे असफल

ED Custody, Arvind Kejriwal

दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार किए गए आम आदमी पार्टी के संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में त्वरित सुनवाई के लिए याचिका लगाई थी, मगर हाईकोर्ट ने होली की छुट्टियों के बाद आने के लिए कह कर सुनवाई टालदी।
हालांकि, केजरीवाल के वकीलों ने दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस के सामने यह भी गुहार लगाई थी कि रविवार सुबह सुनवाई कर ली जाए। इस पर उन्हें संदेश मिला कि होली की छुट्टियों के बाद आईए सुनवाई हो सकती है।

दरअसल, ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल को को सात दिनों के लिए यानी 28 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि ईडी साउथ कार्टेल की कथित प्रमुख के.कविता के आमने-सामने बिठाकर अरविंद केजरीवाल से पूछताछ करना चाहती है। के.कविता की ईडी रिमांड 26 मार्च को समाप्त हो रही है।इसलिए संभावना है कि ईडी रविवार या सोमवार दोनों दिनों में से किसी एक दिन आमना-सामना करवा सकती है। अरविंद केजरीवाल, के.कविता के सामने बैठकर ईडी के सवालों का सामना नहीं करना चाहते। इसीलिए उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।

इसी बीच दिल्ली राज्य की कबीना मंत्री आतिशी मर्लेना ने दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल ने ईडी की हिरासत से काम-काज शुरु कर दिया है। उन्होंने सिंचाई मंत्रालय के लिए एक नोट जरिए निर्देश दिए हैं।हालांकि यहां सवाल यह भी है कि क्या ईडी की हिरासत के दौरान कोई नोट या निर्देश जारी किए जा सकते हैं। क्या ईडी या कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को विधाई काम-काम करने की अनुमति दी है। ईडी की हिरासत के दौरान दिए गए नोट-निर्देश संवैधानिक माने जाएंगे।

शराब नीति मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम 21 मार्च को केजरीवाल के आवास पर पहुंची थी। उनके आवास पर चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान, केजरीवाल को नाटकीय परिस्थितियों के बीच गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि आम आदमी पार्टी के संयोजक दिल्ली उच्च न्यायालय से शराब नीति मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्राप्त करने में विफल रहे थे।

केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद विपक्षी इंडी ब्लॉक के नेताओं ने भी आम आदमी पार्टी के नेता को अपना समर्थन दिया। भाजपा नेताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को अपना समर्थन दिया और इस बात पर जोर दिया कि “सच्चाई की जीत होनी चाहिए।”

क्या है दिल्ली शराब नीति मामला?
2021 में AAP सरकार ने शराब नीति पेश की. इसे एक प्रमुख उत्पाद शुल्क सुधार के रूप में प्रचारित किया गया जिसमें लाइसेंसिंग आवश्यकताओं में बदलाव और शराब व्यवसायों का निजीकरण शामिल था। हालाँकि, चीजें जल्द ही अप्रिय हो गईं और पक्षपात और भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए, जिसके कारण अंततः इसे वापस लेना पड़ा।

प्रमुख घटनाक्रम
जब दिल्ली के उपराज्यपाल ने प्रक्रियात्मक प्रक्रिया में कथित उल्लंघनों और विसंगतियों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग की, तो स्थिति ने एक दिलचस्प मोड़ ले लिया। आम आदमी पार्टी की स्थिति तब और खराब हो गई जब ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में उसके उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया को हिरासत में ले लिया।

सिसौदिया के जेल जाने के बाद ईडी ने केजरीवाल को समन भेजा, जिससे इस कहानी में नया मोड़ आ गया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में विपक्ष ने कथित शराब नीति घोटाले में केजरीवाल की मुख्य भूमिका का आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की। केजरीवाल द्वारा ईडी के समन का पालन करने से इनकार करने के बाद राजनीतिक तनाव और बढ़ गया था।

केजरीवाल को गैर-जमानती वारंट की संभावना का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि उन्होंने ईडी के कई समन की अवहेलना की थी। आखिरकार 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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