सर्वोच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला और कमल मौला मस्जिद में एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) के सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को विवादित स्थल भोजशाला और कमल मौला मस्जिद में सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को विवादित स्थल “भोजशाला और कमल मौला मस्जिद” में सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस भेजा है।
सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम निर्देश में आज (1 अप्रैल) कहा कि सर्वेक्षण के नतीजे के आधार पर उसकी अनुमति के बिना कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि विवादित स्थलों पर कोई भौतिक खुदाई नहीं की जानी चाहिए, जिससे इसका स्वरूप बदल जाए।
भोजशाला मामले में ताजा विवाद की शुरुआत 1995 में हुई जब हिंदुओं ने यहां पूजा की अनुमति मांगी. जिसके बाद प्रशासन ने हिंदुओं का पूजा करने की इजाजत दी साथ ही मुसलमानों को शुक्रवार को नमाज पढ़ने की भी अनुमति मिली, हालांकि 1997 में विवाद एक बार फिर से बढ़ गया. जिसके बाद 12 मई 1997 को यहां आम नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया. हिंदुओं को केवल वसंत पंचमी पर पूजा की अनुमति मिली और मुसलमानों को शुक्रवार को एक से 3 बजे के बीच नमाज पढ़ने की अनुमति. इसके बाद साल 2003 में फिर से नियमित पूजा की अनुमति मिली और पर्यटकों के लिए भी भोजशाला को खोल दिया गया।
बाद में हिंदू फ्रंट फार जस्टिस के बैनर तले हिंदू पक्ष ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर हिंदुओं का यहां पूजा करने का पूरा अधिकार देने की मांग की। इस दौरान एडवोकेट हरिशंकर जैन और विष्णुशंकर जैन ने मामले की पैरवी की. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य शासन और केन्द्र सरकार और ASI से भी जवाब मांगा। सुनवाई के दौरान ASI ने कहा कि साल 1902-03 में भोजशाला का सर्वे हुआ था और अब नए सिरे से इसकी जरूरत नहीं है. मुस्लिम पक्ष ने भी सर्वे की आवश्यकता को नकारते हुए कहा कि उसी सर्वे के अधार पर उनके समुदाय को नमाज का अधिकार मिला था। इन सबके बावजूद हिंदू पक्ष अपनी मांग पर अड़ा रहा. जिसके बाद सोमवार यानी 11 मार्च को अदालत ने ज्ञानवापी की तर्ज पर धार की भोजशाला में सर्वे का आदेश जारी किया था।