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एडवोकेट गौरव भाटिया प्रकरणः दिल्ली हाईकोर्ट ने यूट्यूब चैनलस् और सोशल मीडिया हैंडल्स को जारी किया नोटिस

Delhi High Court

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिवक्ता और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता गौरव भाटिया द्वारा नोएडा अदालत परिसर में उनके साथ घटित घटना को गलत तरीके से पेश करने वाले यूट्यूब चैनलों के साथ-साथ सोशल मीडिया हैंडल को नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने कहा कि अन्य पक्षों को सुने बिना आदेश पारित करना संभव नहीं है।
हाईकोर्ट ने कहा कि गौरव भाटिया के दावे पर आरोपियों को सुने बिना एकतरफा आदेश देना संभव नहीं होगा। गौरव भाटिया कुछ बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हुआ है। इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट भी उतना ही संवेदनशील है और उसने इस पर संज्ञान लिया है लेकिन नोटिस जारी करना जरूरी है।

इसके बाद अदालत ने भाटिया की याचिका पर नोटिस जारी किया। हाईकोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए सोमवार, 8 अप्रैल को सूचीबद्ध किया।

यूट्यूब चैनल आर्टिकल 19 इंडिया (पत्रकार नवीन कुमार द्वारा संचालित), द न्यूज लॉन्चर, बीबीआई न्यूज के साथ-साथ कॉमेडियन राजीव निगम को नोटिस जारी किया गया है।

एक्स (ट्विटर) हैंडल संदीप सिंह, विजय यादव, नेटफ्लिक्स, सुनीता जाधव, अभिनेता पंकज त्रिपाठी के पैरोडी अकाउंट, दाऊद नदाफ, द्रखत्रा और वायरस बाबा इंडिया वाला को भी नोटिस जारी किया गया है।

अपने मानहानि के मुकदमे में, भाटिया ने कहा कि 20 मार्च, 2024 को जिला न्यायाधीश, गौतमबुद्धनगर, जिला न्यायालय, नोएडा की अदालत में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, जहां न्यायाधीश की उपस्थिति में एक वकील ने उनका बैंड छीन लिया।

उसी दिन, यूट्यूब चैनल आर्टिकल 19 ने एक वीडियो अपलोड किया जिसका शीर्षक था “पुलिस वकीलों से छुड़ाती, गौरव भाटिया की धुलाई हो चुकी थी।

यूट्यूब चैनल न्यूज़ लॉन्चर ने एक वीडियो अपलोड किया, जिसका शीर्षक था, “बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया को वकीलों ने कूट दिया, गोदी मीडिया मुंह छुपाती फिर रही।”

बीबीआई न्यूज़ के वीडियो का शीर्षक था “गौरव भाटिया के साथ वकीलों की नोंक झोंक, गौरव भाटिया का फनी मीम्स वायरल वीडियो।”

मुकदमे में अन्य चैनलों द्वारा बनाए गए वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट का विवरण जोड़ा गया।

मुकदमे में तर्क दिया गया कि इस तरह की सामग्री को सैकड़ों हजारों बार देखा गया है और यह अपमानजनक प्रकृति का है।

भाटिया की ओर से वकील राघव अवस्थी और मुकेश शर्मा पेश हुए। अवस्थी ने दलील दी कि वीडियो में निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं, इस तथ्य के बावजूद कि सच्ची घटनाएं सुप्रीम कोर्ट के आदेश में दर्ज हैं, जिसने घटना का स्वत: संज्ञान लिया था।

अवस्थी ने एक वीडियो की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह हिंसा को उचित ठहराता है और इसमें भाटिया के खिलाफ शारीरिक हिंसा को बढ़ावा देने की क्षमता है।

उन्होंने यह भी कहा कि कुछ वीडियो में आरोप लगाया गया है कि भाटिया प्रभावशाली व्यक्ति एल्विश यादव का प्रतिनिधित्व करने के लिए नोएडा गए थे, लेकिन यह आरोप पूरी तरह से झूठ है।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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