मुंबई की एक अदालत ने बुधवार को जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल द्वारा उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चिकित्सा आधार पर जमानत की मांग करने वाली याचिका लंबित कर दिया है।
विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने गोयल को कैंसर के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती रहने की अनुमति दी, लेकिन उन आधारों पर किसी भी स्थायी जमानत की स्वीकृति नहीं दी।
अदालत ने कहा कि गोयल का अस्पताल में इलाज जारी है। वो बेहतर इलाज के लिए मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल में कैंसर विशेषज्ञों से सलाह ले सकते हैं। इसके अलावा वो कहीं से राय लेना चाहते हैं तो दूसरे विशेषज्ञों की राय भी ले सकते हैं। ईडी इसका विरोध नहीं करेगी बल्कि उनका सहयोग करेगी।’
लोन डिफॉल्ट मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा खारिज करने के बाद गोयल ने जमानत के लिए सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
6 जनवरी को, गोयल विशेष अदालत के सामने रो पड़े और उन्होंने कहा कि उन्होंने जीवन में सभी उम्मीदें खो दी हैं और जेल में ही मरना पसंद करेंगे। इसके बाद, 9 जनवरी को विशेष न्यायाधीश ने गोयल को मेडिकल जांच के लिए निजी डॉक्टरों से परामर्श करने की अनुमति दी थी।
इन मेडिकल रिपोर्टों के आधार पर, गोयल ने चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत मांगी क्योंकि चेक-अप में गोयल के शरीर में घातक ट्यूमर का पता चला था।
इसके बाद न्यायाधीश देशपांडे ने उन्हें कैंसर के इलाज के लिए दो महीने तक अस्पताल में भर्ती रहने की अनुमति दे दी, हालांकि उनकी अंतरिम याचिका 29 फरवरी को खारिज कर दी गई थी।
इसके बाद, बुधवार को उनकी मेडिकल जमानत याचिका को गुण-दोष के आधार पर लंबित रखा गया है। जिसकी सुनवाई विशेष अदालत 22 अप्रैल 2024 को करेगी।