राजस्थान की हाईकोर्ट ने जोधपुर सेंट्रल में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम बापू को राहत दी है। दरअसल, आसाराम बापू ने आयुर्वेदिक इलाज कराने की लिए अनुमति मांगी थी। उन्हें कोर्ट ने अनुमति भी दे दी थी। आसाराम बापू ने कोर्ट से कहा कि उन्हें इलाज के लिए और समय की आवश्यकता है। आसाराम बापू के वकीलों ने इस बावत हाईकोर्ट में याचिका लगाई और कोर्ट ने इलाज के लिए समय बढ़ाने की इजाजत दे दी।
राजस्थान हाई कोर्ट ने आसाराम को आयुर्वेद इलाज कराने का समय बढ़ा दिया है। कोर्ट ने आसाराम को 7-10 दिन की अनुमति दी है और बाद में जरूरत होने पर इस समय को आगे बढ़ाया जा सकता है। हाई कोर्ट की खंडपीठ ने जोधपुर के ही निजी केंद्र में इलाज करवाने का समय बढ़ाते हुए आवश्यक निर्देश दिए हैं।
जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की पीठ ने आसाराम की याचिका पर सुनवाई की। आसाराम की ओर से वीआर बाजवा, निशांत बोड़ा, ललित किशोर सैन और यशपाल सिंह राजपुरोहित ने कोर्ट में दलीलें पेश कीं।
गत माह 21 मार्च को कोर्ट की अनुमति के बाद आसाराम को सेंट्रल जेल से जोधपुर आरोग्यधाम आयुर्वेद सेंटर में 25 मार्च को भेजा गया। वहां इलाज शुरू हुआ जिसका लाभ मिला और 02 अप्रैल को वापस सेंट्रल जेल भेज दिया गया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि माधव बाग अस्पताल के चिकित्सकों की देखरेख में उपचार हुआ लेकिन वहां आसाराम के कमरे के बाहर 4-5 पुलिसकर्मी मौजूद थे, जो इलाज के दौरान भी कमरे में मौजूद रहते. ऐसे में आसाराम की गोपनीयता और इलाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड रहा था।
कोर्ट ने पूर्व के आदेश को आगे बढाते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी को निर्देश दिया कि वो वहां की व्यवस्थाओं का अवलोकन करें। एएजी जोशी ने कोर्ट को बताया कि आसाराम के कमरे के बाहर पुलिसकर्मी तैनात थे जो कि सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक भी है। पुलिस की मौजूदगी से गोपनीयता के साथ स्वास्थ्य सुधार में भी बाधा हो सकती है इससे इनकार नहीं किया।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की ओर से सुनने के बाद निर्देश दिए कि आसाराम को 7 से 10 दिन की अवधि के लिए निजी आयुर्वेद केन्द्र भेजा जाएगा. उसके बाद फिर सेंट्रल जेल में भेजा जाएगा और उसके उपचार की समीक्षा करने एवं आवश्यकता होने पर उसके उपचार की अवधि को आवश्यकता होने पर आगे बढाया जा सकेगा।
कोर्ट ने कहा कि अगर चिकित्सक सलाह देंगे तो फिर 7 से 10 दिन इलाज को आगे बढाया जा सकेगा. कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए है कि वे आवेदक की पसंद के दो व्यक्तियों को कमरे में मौजूद रहने की अनुमति देंगे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस अधिकारी आवेदक की गोपनीयता बरकरार रखेंगे और इलाज में बाधा नहीं होनी चाहिए। कमरे में सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता है क्योंकि विटामिन डी उपचार के लिए आवश्यक है। कोर्ट ने पूर्व के आदेश को संशोधित करते हुए उपचार की अनुमति प्रदान करते हुए आवेदन को निस्तारित कर दिया।
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