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मनीलॉंड्रिंग मामलाः नवाब मलिक मामले में सह-आरोपी कंपनी लगाई डिसचार्ज एप्लिकेशन

Nawab Malik

एनसीपी नेता नवाब मलिक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ी एक फर्म ने कोर्ट में एप्लिकेशन लगाई है के उसे इस मामले से डिसचार्ज किया जाए क्यों कि उसका नवाब मलिक के खिलाफ दर्ज मामले से कोई लेना-देना नहीं है। नवाब मलिक को 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था।

ईडी ने 2022 में दायर अपनी चार्जशीट में मलिक इंफ्रास्ट्रक्चर को आरोपियों में से एक के रूप में नामित किया है। फर्म ने यह कहते हुए आरोपमुक्त करने के लिए आवेदन किया है कि कई खंडों में चल रही चार्जशीट में उसके खिलाफ पूर्व के दस्तावेज लगाए गए हैं। अर्जी में कहा गया है कि कंपनी को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपी के रूप में झूठा फंसाया गया है। फर्म ने कहा है कि कुर्ला में गोवावाला परिसर में एक जमीन से एकत्र की गई किराया राशि अपराध की आय है, एक ‘गलत धारणा’ है और इसलिए फर्म को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।

ईडी ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया था कि मुनीरा प्लंबर और मरियम गोवावाला की जमीन भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर ने अपने सहयोगी सलीम पटेल के जरिए हड़प ली थी। ईडी ने दावा किया कि पटेल ने फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी बनाई थी और संपत्ति बिना किसी प्राधिकरण के हस्तांतरित की गई थी। बाद में इसे मलिक से जुड़ी फर्म सॉलिडस इन्वेस्टमेंट्स ने खरीद लिया।

ईडी ने दावा किया था कि फर्म ने 2010-11 तक किरायेदारों से किराया एकत्र किया और उसके बाद एक और फर्म, मलिक इंफ्रास्ट्रक्चर का गठन किया गया। ईडी ने कहा था कि उसने किराए की वसूली, परिसर की मरम्मत और रखरखाव के लिए सॉलिडस के साथ एक पट्टा लिया था। एजेंसी ने कहा था कि मलिक के बेटों सहित उनके परिवार के सदस्यों को कंपनियों में निदेशक नामित किया गया था। मलिक ने कहा है कि सॉलिडस एक वास्तविक खरीदार था और किराए को अपराध की आय नहीं माना जा सकता है।

मलिक इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा दायर डिस्चार्ज एप्लिकेशन में कहा गया है कि प्लंबर के साथ बिक्री लेनदेन में ‘336/6’ भूमि शामिल नहीं थी और इसे करीमभाई पटेल से अधिग्रहित किया गया था। डिस्चार्ज एप्लिकेशन में कहा गया है, “जमीन 336/6 की किराये की आय का दावा किया जा रहा है और अपराध की आय के रूप में चित्रित किया जा रहा है, यह एक गलत धारणा है और इसलिए फर्म के अभियोग को खारिज कर दिया जाना चाहिए।” मलिक, जिन्हें फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया गया था, वर्तमान में मेडिकल जमानत पर हैं। मामले में सुनवाई अभी शुरू नहीं हुई है।

 

 

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About the Author: Yogdutta Rajeev

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