बिहार में जातिगत जनगणना के खिलाफ मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचीका दाखिल हुई है। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर बिहार सरकार द्वारा जातिगत जनगणना के नोटिफिकेशन पर रोक लगाने की मांग की। याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने आरोप लगाया है कि नीतीश सरकार जातिगत जनगणना कराकर भारत की अखंडता और एकता को तोड़ना चाहती है।
बिहार में जातिगत जनगणना के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 20 जनवरी को सुनवाई करेगा। इससे पहले बिहार के नालंदा के रहने वाले अखिलेश कुमार ने याचीका दाखिल कर 6 जून को राज्य सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि संविधान के तहत किसी राज्य जातिगत को जनगणना का अधिकार नहीं है।1948 के जनगणना अधिनियम के तहत भी राज्य सरकार को जनगणना का अधिकार भी नहीं दिया गया है।राज्य सरकार का यह कदम सामाजिक वैमनस्य को भी बढ़ावा देने वाला है साथ ही जातिगत जनगणना का नोटिफिकेशन संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
इस याचिका में 2017 में अभिराम सिंह मामले में आए सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले का हवाला देते हुए कहा गया है की इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जातीय और सांप्रदायिक आधार पर वोट मांगना गलत है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में राजनीतिक कारणों से जातीय आधार पर समाज को बांटने की कोशिश हो रही है।