सतलुज यमुना लिंक विवाद मामले में सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई 15 मार्च के लिए टल गई है। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी के उपलब्ध न होने की वजह से सुनवाई टल गई है। हरियाणा सरकार ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद दोनो राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच दो दौर की मीटिंग हो चुकी है लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला है। हरियाणा सरकार कर वकील ने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट को ही इस पर सुनवाई कर हल निकालना होगा।
दरसअल एसवाईएल नहर को लेकर दशकों से पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद है। पंजाब का कहना है कि रावी और ब्यास नदियों के जल में कमी आई है और इसलिए उसके स्तर को कम किया जाना चाहिए। एसवाईएल के निर्माण का उद्देश्य रावी और ब्यास नदियों के प्रभावी जल आवंटन किया गया था। इस परियोजना में 214 किलोमीटर लंबी नहर बननी है जिनमें से 122 किलोमीटर पंजाब के हिस्सें है और 92 किलोमीटर हरियाणा में आता है। हरियाणा अपने हिस्से का काम पूरा कर चुका है लेकिन पंजाब ने नहर निर्माण की शुरुआत साल 1982 में की, लेकिन बाद में काम रोक दिया। उससे बाद से यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।