पत्रकार राणा अय्यूब को सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने गाजियाबाद कोर्ट को 27 जनवरी को होने वाली सुनवाई टालने को कहा है, हालांकि जारी किए गए समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट राणा की याचिका पर 31 जनवरी को सुनवाई करेगा।
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि इस मामले में अनुच्छेद 32 के तहत यहां मामला कैसे सुना जा सकता है? जिसपर राणा की वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा गाजियाबाद की अदालत द्वारा जारी समन PMLA के फैसले के खिलाफ है। अयूब की तरफ से वकील वृंदा ग्रोवर ने इस मामले में फिलहाल के लिए रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि अगर इस आदेश को हम हाई कोर्ट में चुनौती देते हैं तो उसके सुनवाई में समय लगेगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहाकि वो पीएमएलए कोर्ट को निर्देश दे सकते हैं कि वो 27 तारीख को कोई कार्यवाही न करें। लेकिन पीएमएलए कोर्टका समन खारिज नहीं किया जाएगा। राणा अय्यूब पर चैरिटी के नाम पर पैसा इकट्ठा करने और अवैध रूप से पैसा इकट्ठा करने के आरोप हैं।
दरअसल, गाजियाबाद कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर चार्जशीट का संज्ञान लेने के बाद अय्यूब के खिलाफ समन जारी किया है। इसी के खिलाफ पत्रकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं। उनपर राणा अय्यूब ने एक ऑनलाइन क्राउड-फंडिंग प्लेटफॉर्म, ‘केटो’ के जरिए अभियान चलाकर चैरिटी के नाम पर आम जनता से अवैध रूप से धन इकट्ठा किया है। ईडी जांच के अनुसार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जुटाई गई धनराशि अय्यूब के पिता और बहन के खाते में ट्रांसफर की गई थी।