1984 सिख विरोधी दंगा मामले में दोषी करार दिए गए बलराम खोखर की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह ऐसा केस नही है जहाँ आप 9 साल के भीतर जमानत अर्जी दाखिल करें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा हमें पता चला है कि आप लोगों ने पिछले साल गर्मी की छुट्टियों में ही यहां राहत यानी जमानत पर छूटने की अर्जी लगा दी थी। आप अभी इंतजार करें।
दरअसल नवंबर 1984 को पालम के राजनगर में पांच सिखों की हत्या के मामले में निचली अदालत के अप्रैल 2013 के फैसले को पलटते हुए सज्जन कुमार आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
निचली अदालत के उस फैसले को कायम रखा था कि जिसमें बलवान खोखर, कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल, पूर्व विधायक महेंद्र यादव व कृष्ण खोखर को सजा सुनाई गई थी। निचली अदालत ने बलवान खोखर, गिरधारी लाल व भागमल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।