उत्तर प्रदेश में गैर लाइसेंसी हथियारों के इस्तेमाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा कि हथियारों के बेजा इस्तेमाल का ये चलन परेशान करने वाला है।
जस्टिस केएम जोसफ और जस्टिस बी वी नागरत्ना की बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार को चार हफ्ते में हलफनामे के जरिए ये बताने को कहा है कि गैर लाइसेंसी हथियारों की जब्ती के सिलसिले में आर्म्स एक्ट या अन्य समुचित कानून के तहत कब कितने मुकदमे दर्ज किए गए?
उसके अलावा गैर लाइसेंसी हथियारों की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार ने क्या उपाय किए हैं?
बेंच ने टिप्पणी की है कि अमेरिका की तरह भारत में हथियार रखना बुनियादी अधिकार नहीं है। हमारे संविधान निर्माताओं ने संविधान में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं बनाई।
जस्टिस जोसफ ने कहा कि में केरल से हूं। लेकिन वहां ये सब अनसुना अनदेखा है। इस पर जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि ये हिंसक हथियार रखना सामंती सोच का परिचायक है।