माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को कॉंग्रेस नेता पवन खेड़ा की अंतरिम जमानत की अवधि को शुक्रवार तक के लिए बढ़ा दी है। और उन पर दर्ज़ सारी प्राथमिकियां सर्वोच्च न्यायालय को स्थानांतरित की जाएं इस याचिका पर सुनवाई टाल दी गई है। इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश और असम सरकार ने जवाब देने के लिए थोड़े और दिनों की मोहलत मांगी है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने दोनों राज्यों की गुहार को सुनते हुए उन्हें कुछ और दिनों की मौहलत दे दी। असम पुलिस की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उनका पक्ष रखा।
पवन खेड़ा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने जमानत याचिका के लिए बहुत सारी दलीलें दी। दरअसल, आसाम में दर्ज एक मुकदमे के सिलसिले मे पुलिस ने पवन खेड़ा को दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर द्वारका कोर्ट में पेश किया था । इस पर कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी सर्वोच्च न्यायालय में याचिका लगाई जिस पर उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया था। ध्यान रहे, २३ फरवरी को राजधानी दिल्ली से प्लेन में चढ़ने से पहले गिरफ्तार कर लिया गया था। इससे पहले असम पुलिस ने दिमा हसाओ जिले में पवन खेड़ा के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज़ की थी। वाराणसी और लखनऊ में भी खेड़ा के खिलाफ दो शिकायतें दर्ज़ की गई हैं। पवन खेड़ा सभी राज्यों में दर्ज प्राथमिकियों को एक राज्य में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है