हजारों करोड़ रुपयों का बैंक फ्रॉड कर विदेश भागे नीरव मोदी और विजय माल्या की तरह अशदेव इंटरनेशल लिमिटेड की चेयरपर्सन भी स्टेट बैंक के साथ 3300 करोड़ का फ्रॉड कर भागना चाहती थी, मगर समय रहते स्टेट बैंक ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई लगा दी और सुप्रीम कोर्ट ने उसके विदेश जाने पर रोक लगा दी।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका के मुताबिक सुमन विजय गुप्ता नाम की एक महिला ‘अशदेव इंटरनेशनल लिमिटेड’ की चेयरपर्सन हैं। इन्होंने कंपनी के अकाउंट में 3300 करोड़ का लोन लिया था। जिसका मूल और ब्याज का भुगतान कंपनी नहीं कर पायी। बैंक ने उनके एकाउंट को एनपीए (नॉन परफार्मिंग एसेट) घोषित कर मामला विजिलैंस को भेज दिया।
एकाउंट एनपीए घोषित होते ही सुमन विजय गुप्ता ने कंपनी के चेयरमैनशिप से इस्तीफा दे दिया। इतना ही नहीं कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए सुमन विजय गुप्ता ने भारत की नागरिकता छोड़ कर डोमिनिकन रिपब्लिक की नागरिकता ले ली। सुमन विजय गुप्ता मौके की तलाश में थी और विदेश भागने की फिराक में थी। डोमिनिकन रिपब्लिक के साथ कोई प्रत्यर्पण संधि भी नहीं है।
दरअसल, हजारों करोड़ का फ्रॉड होने के कारण जांच एजेंसियों ने सुमन विजय गुप्ता के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कर दिया था। इस नोटिस के खिलाफ सुमन विजय गुप्ता ने बॉम्बे हाईकोर्ट से भारत छोड़ने की अनुमति भी हासिल कर ली थी। जैसे ही यह जानकारी स्टेट बैंक को मिली, वैसे ही सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की गुहार की। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायाधीश पीएस नरसिम्हा की पीठ ने की और परिस्थितियों की गंभीरता को देखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश और सुमन विजय गुप्ता विदेश जाने दोनों पर रोक लगा दी।