यूपी की जेल में ट्रांस्फर न किए जाने की मांग वाली अतीक अहमद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाल दी है। दरअसल, सुनवाई टालने की गुहार भी अतीक अहमद के वकीलों ने ही लगाई थी। अतीक अहमद के वकीलों ने कहा कि उन्होंने अपनी याचिका में कुछ और दस्तावेजों को शामिल किया जाना है। इन परिस्थितियों में याचिका पर सुनवाई से पहले उन दस्तावेजों पर गौर किया जाना जरूरी है।
अतीक अहमद के वकील के इस आग्रह के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई एक हफ्ते के लिए टाल दी है।
दरअसल,सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में अतीक अहमद के वकील ने आशंका व्यक्त की है कि यूपी सरकार के कुछ मंत्रियों के बयान से ऐसा लगता है कि उनका फर्जी एनकाउंटर किया जा सकता है। सीएम आदित्यनाथ योगी ने माफिया और आरोपियों को मिट्टी में मिला देने की बात कही है। वहीं उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक गाड़ी पलटने की आशंका भी जता चुके हैं। अगर उन्हें यूपी भी लाया जाए तो सेंट्रल फोर्स की सुरक्षा में लाया जाए नहीं तो उनके मामलों का ट्रायल वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ही हो। अगर पुलिस कस्टडी में रखकर ही पूछताछ करनी है तो गुजरात में ही कोर्ट परिसर के आसपास गुजरात पुलिस की निगरानी में ही ये सब किया जाए।
इसके अलावा, उमेश पाल हत्याकांड में शामिल शूटरों की गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर अरबाज का रिश्ते में फूफा और बांदा पुलिस का 50,000 का इनामी वहीद मुठभेड़ के बाद अरेस्ट कर लिया गया है। वहीद अपने बहनोई और अरबाज के पिता के जरिए अतीक अहमद और उसके गुर्गों के संपर्क में आया था। गुड्डू मुस्लिम जब हत्या के मामले में 25 अप्रैल 2009 से 3 मई 2013 तक बांदा जेल में बंद था तब वहीद ही गुड्डू मुस्लिम की जेल में सुविधाओं का ख्याल रखता था और गुड्डू मुस्लिम से मिलने आने वालों की मुलाकात करवाता था।