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जूते ने काटा तो मामला अदालत तक पहुंचा, कोर्ट में क्या दीं गई दलीलें और क्या रहा कोर्ट का फैसला, देखें रिपोर्ट

Consumer Court

क्या आपने कभी सुना है कि जूता पैर में काट ले तो अदालत को ग्राहक और जूता बेचने वाले के बीच समझौता करवाना पड़ा हो। जी हां, अभी तक तो नहीं सुना होगा लेकिन अब ऐसी कहानी सामने आई है।
दरअसल, मुंबई के एक जिला उपभोक्ता आयोग ने हाल ही में लुई वुइटन इंडिया रिटेल प्राइवेट लिमिटेड को एक खरीदार द्वारा खरीदे गए जूते की एक जोड़ी वापस करने का निर्देश दिया है, और दोनों पक्षों की संतुष्टि के लिए सौहार्दपूर्ण ढंग से समाधान निकाला।

अंसतुष्ट ग्राहक को नया जूता देने का आदेश मुंबई उपनगर जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने दिया। मुंबई के मलाड निवासी जावेद इकबाल आज़म ने जूता बनाने वाली कंपनी लुई वुइटन के कोलाबा शोरूम के खिलाफ जिला उपभोक्ता अदालत में शिकायत दर्ज करवाई थी कि लगभग 80 हजार का जूता पहनने के बावजूद उसके पैर में घाव हो गए। जब वो लुई वाटन के कोलाबा स्टोर्स गया तो कंपनी ने जूता वापस लेने से इंकार कर दिया।

आज़म ने इस मामले में लग्जरी ब्रांड के भारत में बेंगलुरु स्थित प्रधान कार्यालय और उसके निदेशक को भी पक्षकार बनाया था। चूंकि जूते ने जावेद इकवाल को वारंटी अवधि के भीतर ही शू बाइट (जूता काटने) का शिकार हुआ था इसलिए अदालत ने फैसला दिया कि कंपनी के मालिक या डाइरेक्टर भले ही सुनवाई के लिए उपस्थित न हों लेकिन यह विक्रेता का जिम्मेदारी है कि वो खरीददार यानी जावेद इकवाल को एक जोड़ी वैसा ही नया जूता उपलब्ध करवाए। कोर्ट के इस फैसले पर दोनों पक्षकार सहमत हो गए और मामला खत्म हो गया।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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