बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा ने एडवोकेट मुरसलिन शेख के खिलाफ जनहित याचिका दायर कर बॉम्बे हाईकोर्ट और न्यायपालिका की न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
बार काउंसिल ने एडवोकेट शेख के खिलाफ “सोशल मीडिया में जस्टिस डेरे के खिलाफ मर्यादाहीन दावों को उठाने के लिए तीन सदस्यीय अनुशासनात्मक समिति का गठन किया है।
एडवोकेट शेख इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की नियुक्ति को खारिज करने के लिए भी याचिका डाल चुके हैं।
BCMG बार काउंसिल की अनुशासन समिति न स्वतः संज्ञान लिया है कि याचिकाकर्ता अधिवक्ता है और एक अधिवक्ता होने के नाते इसे न्यायाधीश (संरक्षण) अधिनियम, 1985 और नियमों, विनियमों और नीति का ज्ञान होना चाहिए। इसके बावजूद इस तरह की तुच्छ और विवादास्पद जनहित याचिका दायर उसने अपने खिलाफ कार्रवाई को आमंत्रित किया है खराब करने के बराबर है। BCMG बार काउंसिल ने अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा 35 के अनुसार जांच करने के लिए 3 सदस्यों की डीसी जांच समिति का गठन किया गया है।