
योगी सरकार में पूर्व मंत्री स्वाति सिंह और मंत्री दयाशंकर सिंह का वैवाहिक रिश्ता अब खत्म ही गया है। दोनों के तलाक को अदालत ने मंजूरी दे दी है। लखनऊ के अपर प्रधान न्यायाधीश देवेन्द्र नाथ सिंह ने 28 मार्च को अपना आदेश दिया था।
18 मई 2001 को हुई शादी को लेकर दाखिल तलाक की अर्जी दाखिल की गई थी। पूर्व मंत्री स्वाति सिंह ने इससे पहले साल 2012 में अर्जी दाखिल की थी।
साल 2012 में स्वाति सिंह ने तलाक की अर्जी दाखिल की थी, लेकिन ये अर्जी उनकी गैरहाजिरी के कारण अदालत ने खारिज कर दी थी। वरिष्ठ अधिवक्ता पदमकीर्ति के मुताबिक स्वाति सिंह ने मार्च 2022 में अदालत में अर्जी देकर केस दोबारा शुरू करने की मांग की थी।
दरसअल दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह के बीच रिश्ते की बुनियाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से पड़ी जब दोनों उसमें सक्रिय थे। कहा जाता है कि स्वाति सिंह इलाहाबाद में एमबीए की पढ़ाई कर रही थीं और दयाशंकर सिंह लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में बड़े नेता थे। परिषद के कार्यक्रमों में दोनों का मेलजोल बढ़ा। चूंकि दोनों बलिया के ही रहने वाले थे, इसलिए उनके रिश्ते और प्रगाढ़ हो गए।
कुछ ही समय में दोनों ने विवाह करने का फैसला किया और विवाह बंधन में बंध गए। बाद में स्वाति सिंह ने लविवि में पीएचडी में पंजीकरण कराया। साथ ही यहीं पर पढ़ाने भी लगीं। उस समय दयाशंकर सिंह से जुड़े छात्रों व विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के बीच भैया-भाभी का संबंध मधुर स्मृतियों वाला रहा है। बाद में दोनों के बीच कई बार तल्खियों की बात भी लोगों को सुनने में आई थी।