बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सबस्टेंस एक्ट (एनडीपीएस एक्ट) के तहत अपराध तय करने के लिए गांजे के वजन का पता लगाते समय, बीज के पत्तों और पौधे के डंठल के वजन को बाहर रखा जाना चाहिए।
एकल-न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई ने कहा कि एनडीपीएस अधिनियम की धारा 2 (iii) (बी) के अनुसार, बीज और पत्ते ‘गांजा’ की परिभाषा के तहत कवर नहीं किए जाएंगे, जब तक कि वे भांग के पौधे के फूल या फलने वाले शीर्ष के साथ न हों।”
अदालत ने कहा कि “मामला यह है कि पूरे पदार्थ को एक साथ तौला गया था, फूल या फलने वाले शीर्ष के वजन को निर्धारित किए बिना, यह संदेह पैदा करता है कि क्या याचिकाकर्ता से जब्त ‘गांजा’ एनडीपीएस अधिनियम के धारा 20 (सी) के तहत प्रावधान के तहत वाणिज्यिक मात्रा का था।
वही अभियोजन का मामला आवेदक अभियुक्त के पास 20 किलोग्राम से अधिक गांजा था, जो एनडीपीएस अधिनियम के अनुसार वाणिज्यिक मात्रा के बराबर था। कोर्ट ने रिकॉर्ड से जांच की कि जांच एजेंसी ने दोनों बैगों से स्वतंत्र रूप से नमूने नहीं लिए थे, बल्कि दोनों बैगों में पूरे प्रतिबंधित पदार्थ को मिला दिया था। इसमें से एक नमूना लिया गया और विश्लेषण के लिए केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया। रिकॉर्ड से पता चला कि जब्त किए गए पदार्थ का कुल वजन 21 किलोग्राम था जिसमें बीज, पत्तियों और डंठल का वजन शामिल था, जो कि प्रथम दृष्टया फूल या फलने वाले हिस्से के साथ नहीं थे।
उपरोक्त टिप्पणी के साथ अदालत ने आरोपी को ₹50,000 की राशि के मुचलके पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।