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समलैंगिक विवाह के विरोध में सुप्रीम कोर्ट पहुँचा तेलंगाना मरकजी शिया उलेमा काउंसिल, पक्षकार बनाने की मांग

Shiya Ulema Council

समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक और जनहित याचिका दाखिल की गई। जमीयत उलेमा ए हिन्द के बाद, तेलंगाना मरकजी शिया उलेमा काउंसिल ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का किया विरोध किया है।

उलेमा काउंसिल ने समलैंगिक विवाह का विरोध करते हुए कहा कि यह (समलैंगिक विवाह) एक पश्चिमी अवधारणा है और भारत के सामाजिक ताने-बाने के लिए अनुपयुक्त है।समान-सेक्स विवाहों को वैध बनाने का विचार विशेष रूप से पश्चिमी अवधारणा है और भारत के सामाजिक ताने-बाने के लिए पूरी तरह से अनुपयुक्त है, जबकि पश्चिमी देशों में, धर्म काफी हद तक कानून का स्रोत नहीं रह गया है और सार्वजनिक जीवन में बहुत कम भूमिका निभाता है।

याचीका में कहा गया है कि विवाह का प्रश्न धर्म और व्यक्तिगत कानून से जुड़ा हुआ है और इसलिए समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज किया जाए। उलेमा काउंसिल ने अपनी याचीका में सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई की
समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं के साथ उनका पक्ष भी सुना जाए। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों के संविधान पीठ को 18 अप्रैल को इस मामले पर सुनवाई करेगी।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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