दिल्ली हाई कोर्ट ने हरियाणा राज्य खो-खो संघ की याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि 26 दिसंबर से चैंपियनशिप शुरु होनेवाली है और सभी खिलाड़ियों के चयन का ऐलान हो चुका है। इन परिस्थितियों में हरियाणा खो-खो संघ याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकती।
हरियाणा राज्य खो-खो संघ (HSKKA) की ओर से अधिवक्ता वृंदा भनारी ने खिलाड़ियों को अगले जूनियर टूर्नामेंट में शामिल करने के लिए के लिए याचिका दायर की थी।
जस्टिस प्रतिभा एम.सिंह ने कहा कि हरियाणा के ही 15 खिलाड़ियों की उम्मीदवारी पर विचार इसलिए भी संभव नहीं है क्यों कि केकेएफआई ने पहले ही खिलाड़ियों की एक सूची जारी कर चुका है।
उन्होंने ये भी कहा कि चूंकि चैंपियनशिप 26 दिसंबर से शुरू होने वाली है, इसलिए खिलाड़ियों को मौजूदा सूची में जोड़ने के लिए बहुत देर हो जाएगी। हालांकि,अदालत ने निर्देश दिया,भविष्य के टूर्नामेंटों के लिए सभी खिलाड़ियों को समान अवसर दिया जाना चाहिए, केकेएफआई याचिकाकर्ता की सूची के साथ-साथ प्रतिवादी, अध्यक्ष और महासचिव की सूची पर विचार करेगा, और हरियाणा राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए दो कोचों वाली एक चयन समिति नियुक्त करें।”
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि प्रतिवादी अवैध रूप से याचिकाकर्ता संघ की टीमों और खिलाड़ियों को 41 वीं जूनियर राष्ट्रीय खो-खो चैम्पियनशिप (लड़के और लड़कियां) 2022-2023 में उतरने से रोक रहा है। ऐसा करना देश की प्रतिभाओं के साथ अन्याय है।