एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचीका दाखिल कर अरुण गोयल को चुनाव आयुक्त के पद से तत्काल हटाने की मांग की है। एडीआर ने अपनी याचीका में आरोप लगाया है कि सरकार ने केवल इस वजह से गोयल को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया है क्योंकि वो ‘यस मैन’ हैं। इसके अलावा उनके पास ऐसी कोई योग्यता नहीं है दूसरे अफसरों के पास नहीं हो।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म एनजीओ ने अपनी याचिका में सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने गोयल की नियुक्ति पर दलील दी है कि चार अफसरों के पैनल में वो सबसे युवा हैं। लंबे समय तक अपनी जिम्मेदारी को निभा सकते हैं। लेकिन 1985 के बैच में 160 अफसर हैं। इनमें से कई गोयल से कम उम्र के हैं। फिर उन अफसरों के नाम पर विचार क्यों नहीं किया गया। एनजीओ के वकील प्रशांत भूषण का कहना है कि सरकार को नहीं लगता कि दूसरा कोई अफसर उसकी हां में हां उस तरह से मिलाएगा जैसे अरुण गोयल कर सकते हैं।
दरअसल अरुण गोयल एक पूर्व आईएएस हैं। वो पंजाब कैडर से हैं। उन्होंने नवंबर 2022 में चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला था। वही पूर्व सीईसी सुशील चंद्रा के मई 2022 में सेवानिवृत्त होने के बाद से यह पद खाली था।