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रिश्वत के आरोपी आईआरएस अधिकारी की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज, कहा- भ्रष्टाचार नासूर है

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में भारतीय राजस्व सेवा (Indian Revenue Service- IRS) के एक अधिकारी को हाईकोर्ट से दी गई अग्रिम जमानत को खारिज करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार समाज के लिए एक गंभीर खतरा है और इससे सख्ती से निपटना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भ्रष्टाचार न केवल सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाता है, बल्कि सुशासन को भी प्रभावित करता है।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने IRS अधिकारी संतोष करनानी को हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की याचिका पर रद्द कर दी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘कथित अपराध की प्रकृति और गंभीरता को गुजरात हाईकोर्ट को ध्यान में रखा जाना चाहिए था। भ्रष्टाचार हमारे समाज के लिए एक गंभीर खतरा है और इससे सख्ती से निपटना चाहिए। यह न केवल सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाता है, बल्कि सुशासन को भी प्रभावित करता है।’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आम आदमी सामाजिक कल्याण योजनाओं के लाभ से वंचित हैं और करप्शन से सबसे ज्यादा प्रभावित है। अदालत ने कहा कि ‘यह ठीक ही कहा गया है कि भ्रष्टाचार एक ऐसा पेड़ है, जिसकी शाखाएं हर जगह फैल जाती हैं। इसलिए और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।

सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि उसने गिरफ्तारी से पहले जमानत देने से इनकार करने या मंजूरी देने के सीमित उद्देश्य के लिए आरोपों की मेरिट पर केवल प्रथम दृष्टया राय प्रकट की है। गौरतलब है कि राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, अहमदाबाद ने 4 अक्टूबर, 2022 को एक शिकायत पर प्राथमिकी (FIR) दर्ज की थी। FIR पर कार्रवाई करते हुए स्थानीय पुलिस ने उसी दिन जाल बिछाया था और 30 लाख रुपये की रिश्वत बरामद की थी। बाद में मामले की जांच CBI को सौंप दी गई।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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