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2013 बेंगलुरु बम ब्लास्ट: विशेष अदालत ने बैन संगठन के दो आरोपियों को सुनाई सात साल की सजा

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बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने मल्लेश्वरम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यालय के पास 2013 में हुए बम विस्फोट में उनकी भूमिका के लिए दो आरोपियों को सात साल की जेल की सजा सुनाई और उन पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम (एनआईए अधिनियम) के तहत विशेष न्यायाधीश सीएम गंगाधर ने मामले के दो आरोपियों प्रकाश डेनियल प्रकाश और प्रतिबंधित संगठन अल-उम्मा के जॉन नासिर के खिलाफ आदेश पारित किया। प्रकाश और नासिर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी, 121, 121ए, 123, 307, 332, 435, 201, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3, 4, 5 और 6 और धारा 11 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके अलावा 16, 17, 18, 19 और 20A गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत भी मामला दर्ज किया गया था।

दरसअल अपराध स्वीकार करने के बाद, उन्हें विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 6 के तहत दोषी ठहराया गया और कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई। कोर्ट ने आदेश दिया कि न्यायिक हिरासत में पहले से काटे गए समय के अलावा शेष सजा काट ली जाए। 2008 में बेंगलुरु सीरियल ब्लास्ट केस के आरोपी अब्दुल नासिर मदनी की गिरफ्तारी के बाद प्रतिबंधित उग्रवादी समूह अल-उम्मा के सदस्य तत्कालीन सरकार से अधीर थे। 13 अप्रैल 2013 को आरोपी ने भाजपा कार्यालय को निशाना बनाकर एक बाइक पर आईईडी बम विस्फोट कर दिया। इस घटना में 12 पुलिस अधिकारी और एक युवती समेत छह लोग घायल हो गए

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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