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श्रीकृष्‍ण जन्‍मभूमि: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की शाही ईदगाह ट्रस्‍ट की याचिका, नए सिरे से होगी सुनवाई

shrikrishna Janmbhoomi

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर विवाद मामले में सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह ट्रस्‍ट और यूपी सुन्‍नी सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड की याचिका को खारिज कर दिया है।  हाईकोर्ट ने अपने आदेश में मथुरा के जिला जज को पूरे मामले की नई सिरे से सुनवाई का आदेश दिया है।

दरसअल श्री कृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह मामले में सबसे पहले सितंबर 2020 में श्री कृष्ण विराजमान की तरफ से भगवान श्री कृष्ण की सखी के तौर पर सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने हरी शंकर जैन, विष्णु जैन, करुणेश शुक्ला के साथ मथुरा सिविल कोर्ट में वाद दाखिल किया था। हालांकि यह वाद सिविल कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बाद श्री कृष्ण विराजमान ने जिला जज की अदालत में रिवीजन वाद दाखिल किया। जिसपर सुनवाई करते हुए जिला जज की अदालत ने वाद को स्वीकार किया और इसे सिविल कोर्ट में सुनवाई के लिए कहा। इसके बाद जुलाई 2022 में मुस्लिम पक्ष ने इस वाद को खारिज करने की मांग करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। उस समय हाई कोर्ट ने श्री कृष्ण विराजमान के मथुरा कोर्ट में चल रहे वाद पर सुनवाई से रोक लगा दी थी। वहीं आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह ट्रस्‍ट और यूपी सुन्‍नी सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड की याचिका खारिज कर दी।

मथुरा में श्रीकृष्‍ण जन्‍मभूमि मुकदमा 13.37 एकड़ जमीन पर मा्लिकाना हक से जुड़ा हुआ है। 12 अक्‍टूबर 1968 को श्रीकृष्‍ण जन्‍मस्‍थान सेवा संस्‍थान ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्‍ट के साथ समझौता किया और इसके तहत 13.37 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों बनने की बात हुई थी। श्रीकृष्‍ण जन्‍मस्‍थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है जबकि शाही ईदगाह मस्जिद के पास 2.5 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है। वही हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्‍जा करके बनाया गया है।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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