तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की पत्नी हसीन जहां ने क्रिकेटर और उनके भाई के खिलाफ वैवाहिक क्रूरता और उत्पीड़न के मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
अपनी याचिका में हसीन जहां ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें शमी के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर सत्र न्यायालय की रोक को बरकरार रखा गया था। मोहम्मद शमी की पत्नी हसीन जहां ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में दावा किया है कि 2018 में शमी और उनके भाई ने उन पर क्रूरता, उत्पीड़न और शारीरिक हमला किया। इस जोड़े ने 2014 में शादी की थी। अधिवक्ताओं नचिकेता वाजपेयी, दीपक प्रकाश और दिव्यांगना मलिक के माध्यम से दायर याचिका के मुताबिक, शमी की पत्नी ने उनके कथित रूप से “अवैध विवाहेतर संबंध” पर “आपत्ति” की थी और आरोप लगाया था कि शमी दूसरी महिलाओं के साथ यौन गतिविधियों में लिप्त थे।
दरसअल मार्च 2018 में यह मामला तब और बढ़ गया था जब जहां के अलीपुर में उसके पति और उसके भाई द्वारा कथित तौर पर मारपीट की गई थी। पत्नी ने आरोप लगाया कि उसने जब इसके खिलाफ आवाज उठाई, तो उसके पति और उसके परिवार के सदस्यों द्वारा उसके साथ मारपीट और उत्पीड़न किया गया, जिसने उससे लगातार दहेज की मांग की।
दरसअल इस मामले में अलीपुर की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत की तरफ से 29 अगस्त 2019 को शमी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। हालांकि, शमी ने इस फैसले को सत्र न्यायालय के सामने चुनौती दी और सत्र न्यायालय ने गिरफ्तारी वारंट और पूरे मामले में आगे की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इसके बाद हसीन जहां ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उच्च न्यायालय ने भी गिरफ्तारी वारंट पर लगी रोक को हटाने से इनकार कर दिया था।