राहुल गांधी को सजा सुनाने वाले जज को प्रमोशन दिए जाने का मामला अभी तक गूंज रहा है। इस मामले की संवेदनशीलता को इसी बात से समझा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट एक जज और वकील में गरमागरम बहस भी हो गई।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह की बेंच के सामने जिला जज पद के एक प्रत्याशी ने हाल ही में जारी प्रमोशन लिस्ट को चुनौती देते हुए याचिका डाली गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से वकील दुष्यंत दबे बहस कर रहे थे।
वकील दुष्यंत दवे ने सुनवाई के दौरान बेंच से सवाल किया कि इस मामले को तत्काल निपटाने की कोशिश क्यों की जा रही है। जबकि मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली एक अन्य बेंच ऑल इंडिया जजेज एसोसिएशन के मामले की सुनवाई कर रही है। इस याचिका में जिसमें प्रमोशन, शर्तें और नियुक्तियां जैसे सभी तथ्य शामिल है।
दुष्यंत दवे ने जोर देकर कहा, ‘लॉर्डशिप इस मामले को निपटाने की जल्दी में क्यों है, जब कि यही मामला सीजेआई की अध्यक्षतावाली पीठ इसी विषय पर सुनवाई कर रही है? दुष्यंत दवे यहीं पर नहीं रुके उन्होंने कहा कि ‘मैं इसपर गंभीरता से आपत्ति जता रहा हूं।’
दुष्यंत दवे के इस तरह के व्यवहार पर इस पर जस्टिस एमआर शाह ने कहा, ‘करियर के अंत में मुझे आपके बारे में कुछ कहने के लिए मजबूर न करें। मेरिट पर बात करें।’
इस पर दवे फिर कहा कि ‘माई लॉर्ड मुझे धमकी न दें। मैं अपनी बात रख रहा हूं।’ जस्टिस एमआर शाह 15 मई को रिटायर होने वाले हैं।
बहरहाल, कुछ देर की गरमागरम बहस के बाद जस्टिस एमआर शाह ने याचिका पर निर्णय सुरक्षित रखने का ऐलान किया और बहस खत्म हुई।