इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद हिन्दू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में भी कैविएट दाखिल कर दिया है। कैविएट के जरिए हिंन्दू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि अगर दूसरा पक्ष हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देता है तो उसके पक्ष को सुने बिना कोई आदेश पारित न किया जाए। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि शिवलिंग के कार्बन डेटिंग करवाई जाए।
दरअसल, मुस्लिम पक्ष इस सर्वे के खिलाफ है। हिंदू पक्ष को आशंका है कि मुस्लिम पक्ष शिवलिंग के एएसआई सर्वे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा सकता है और कोर्ट को भ्रमित कर सकता है। इसके अलवा एएसआई भी सर्वे के संबंध में रिपोर्ट देने में देरी कर रहा था। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एएसआई के अफसरों को जमकर लताड़ लगाई तो उन्होंने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी और कॉर्बन डेटिंग से शिवलिंग पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा।
इसके अतिरिक्त इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि अब 22 मई को वाराणसी के डिस्ट्रिक जज मामले की सुनवाई करेंगे। साइंटिफिक सर्वे कब होगा और कैसे ये डिस्ट्रिक्ट जज तय करेंगे। डिस्ट्रिक्ट जज यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) की ओर से पेश की गई रिपोर्ट पर दिया है। कोर्ट में एएसआई नने कहा बिना शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए किया जा सकता है साइंटिफिक सर्वे हो सकता है।