उत्तर प्रदेश के गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को 14 साल पुराने हत्या के प्रयास के एक मामले में बरी कर दिया है। यह मुकदमा गाजीपुर के ही मुहम्मदाबाद थाने में 2009 में दर्ज करवाया गया था।
बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में दर्ज हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट से कुछ राहत मिली है। बुधवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मुख़्तार अंसारी को बरी कर दिया। इस मामले में मुख्य आरोपी सोनू यादव पहले ही बरी हो चुका है। इससे पहले भी मुख़्तार अंसारी को दो अन्य मामलों में सजा हो चुकी है। एक अन्य मामले में 20 मई को भी फैसला आना है।
मुहम्मदाबाद थाने का यह मुकदमा 2009 का है। मीर हसन नाम के एक वादी ने मुहम्मदाबाद थाने में मुख्य अभियुक्त सोनू यादव के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया था। विवेचना के दौरान प्रकाश में आया कि इस वारदात के पीछे मुख्तार अंसारी की साजिश थी। इसलिए पुलिस ने मुख्तार अंसारी पर धारा 120बी यानी आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया था। चूंकि इस मामले में मुख्य आरोपी सोनू यादव कोर्ट से बरी हो चुका है तो अब एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को भी बरी कर दिया।
वर्तमान में मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है। माफिया मुख्तार अंसारी की आज गाजीपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए कराई गई। फैसला सुनने के बाद मुख़्तार ने राहत की सांस ली। हालांकि करंडा थाना क्षेत्र के सुआपुर के रहने वाले कपिल देव सिंह की 2009 में हत्या हुई थी। इस मामले में 2010 में गैंग चार्ट बनाया गया था। इस मामले में कोर्ट में फैसले की तारीख 20 मई को नियत की गई है।