दिल्ली हाईकोर्ट ने मायापुरी इलाके में 50 साल से ज्यादा पुराने मंदिर को गिराने के आदेशों को हरी झण्डी दे दी है तो वहीं वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में मिले ‘शिवलिंग’ के वैज्ञानिक सर्वे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तक इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है।
कार्बन डेटिंग कराने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मंजूरी दे दी थी। हाई कोर्ट ने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कथित ‘शिवलिंग’ का ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ कराने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के अनुसार इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि शिवलिंग कितना पुराना है। सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद मैनेजमेंट कमिटी की ओर से हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच के सामने मस्जिद मैनेजमेंट कमिटी की ओर से हुजेफा अहमदी ने मामला उठाया और कहा कि मामले में जल्द सुनवाई की दरकार है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह शुक्रवार को मामले की सुनवाई करेंगे। हिंदू पक्ष ने मस्जिद परिसर में कथित रूप से शिवलिंग मिलने का दावा किया है।
दरअसल हिंदू पक्षकारों ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पूजा की इजाजत मांगी थी। मस्जिद परिसर के दीवार से सटी मां श्रृंगार गौरी की पूजा की भी इजाजत मांगी थी। इसके लिए बनारस कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा गया था कि यह हिंदू देवी देवताओं का स्थल है। वाराणसी की स्थानीय कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान सर्वे कमिशन बनाया था। इसकी रिपोर्ट 19 मई 2022 को आई। सर्वे रिपोर्ट से पहले कोर्ट की ओर से नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर ने कोर्ट को बताया था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिला है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर हिंदू पक्षकारों ने भी दावा किया कि परिसर में शिवलिंग मिला है।
वहीं मुस्लिम पक्षकारों का कहना था कि वह फव्वारा है। इसी बीच मस्जिद कमिटी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सर्वे को चुनौती दी थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई 2022 को ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कहा था कि जहां शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है, उस जगह को सुरक्षित रखा जाए और डीएम इस जगह की सुरक्षा सुनिश्चित करें। इसके साथ ही कहा कि मस्जिद में नमाज के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग जाएंगे और उन्हें कोई नहीं रोकेगा। सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के सिविल जज के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। वाराणसी कोर्ट ने सितंबर 2022 में ज्ञानवापी परिसर में हिंदू महिलाओं की पूजा की अर्जी को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी की अर्जी खारिज कर दी थी।