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केंद्र और राज्य सरकारों को सुप्रीम कोर्ट का सख्त निर्दश, जिला जजों के बकाया वेतन-भत्तों का भुगतान तुरंत करें

Supreme Cour

सीजेआई डीवाईचंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय बेंच ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि हर हाल में निचली अदालतों के न्यायिक अधिकारियों के वेतन-भत्ते एंव अन्य बकाया राशि का भुगतान 30 जुलाई से पहले कर दिया जाए। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में राज्यों और केंद्र सरकार से इस बारे में हलफनामा भी दाखिल करने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने जिला न्यायपालिका को ‘न्यायिक प्रणाली की रीढ़’ बताया और कहा कि अगर निचली अदालतों के अधिकारी वेतन-भत्तों के भुगतान जैसी समस्या से जूझते रहेंगे तो वो अपना ध्यान न्यायिक कार्यों में कैसे लगा पाएंगे। सुप्रीम सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (SNJPC) की सिफारिशों के अनुसार देशभर में निचली अदालतों के जजों के वेतन व अन्य बकाया का भुगतान करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस पीवी रेड्डी के नेतृत्व वाले एसएनजेपीसी की 2020 में की गई सिफारिशों को भी स्वीकार कर लिया हैय़ ।

पीठ ने कहा, वेतन के बकाया के भुगतान के मामले में, इस न्यायालय ने 27 जुलाई, 2022 और 18 जनवरी, 2023 के आदेश में पहले ही 30 जून तक सभी बकाया चुकाने का आदेश दिया था। इस संबंध में, यह निर्देश दिया जाता है कि 30 जुलाई, 2023 तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अनुपालन हलफनामा दाखिल करना होगा।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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