मथुरा में एक अदालत के समक्ष एक नई अर्जी लगाई गई है, जिसमें हिंदू भक्तों को शाही ईदगाह परिसर में पूजा प्रार्थना करने की अनुमति मांगी गई है। अर्जी में दावा किया गया है कि परिसर उस भूमि पर बनाया गया था जिसे भगवान कृष्ण का जन्मस्थान माना जाता है और जहां पहले एक मंदिर था। इससे मथुरा की विभिन्न अदालतों में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में दायर मुकदमों की कुल संख्या 15 हो गई है। कोर्ट ने इस अर्जी पर गुरुवार सुनवाई करते हुए सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर दिए हैं। इस वाद की सुनवाई 12 मई को होगी।
नया मुकदमा सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और दिल्ली निवासी हरि शंकर जैन ने अन्य याचिकाकर्ताओं के साथ दायर किया है।
याचिका में शाही ईदगाह के सचिव, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ के अध्यक्ष, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव को मामले में शामिल पक्षों के रूप में नामित किया गया है।
जैन के अनुसार, याचिका में एक आदेश का अनुरोध किया गया है, जिससे भक्तों को ईदगाह के परिसर के भीतर भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर अपने सम्मान का भुगतान करने की अनुमति मिल सके। याचिका में शाही ईदगाह के ट्रस्ट द्वारा क्षेत्र में बनाए गए ढांचों को हटाने की भी मांग की गई है।