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टिल्लू ताजपुरिया हत्याकाण्डः HC ने तिहाड़ प्रशासन से पूछा बंदी रक्षकों के पास हथियार और वायरलेस क्यों नहीं थे? अगली सुनवाई जुलाई में

तिहाड़ जेल में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने जेल प्रशासन को फटकार लगाई है। साथ ही जेल प्रशासन से सवाल भी पूछे और हाईकोर्ट ने जेल प्रशासन के सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े किए।

कोर्ट ने कहा कि इस मर्डर को लेकर जो सीसीटीवी कैमरे में नजर आ रहा है, वो परेशान करने वाला है। जब ये पूरा वाक्या घट रहा था तो सुरक्षाकर्मियों ने उसे रोकने के लिए समय रहते कोई एक्शन क्यों नहीं लिया? ये केस चेतना को झकझोर देने वाला है और ऐसे मामलों को स्वीकार नहीं किया जा सकता।

दिल्ली हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया के पिता और भाई की ओर से दायर उस याचिका पर सुनवाई के दौरान की, जिसमें उन्होंने हत्याकांड की CBI जांच की मांग की है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए सरकार से स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था।

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन से सवाल पूछे। कोर्ट ने कहा क्या इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों के बीच बेहतर संवाद के लिए उन्हें वॉकी टॉकी नहीं दिया जा सकता? कोर्ट का सवाल ये भी था कि क्या कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जेलकर्मियों को हथियार नहीं दिए जा सकते?

हाईकोर्ट ने सरकार की ओर से पेश स्टेटस रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेते हुए टिल्लू के घरवालों को इस पर जवाब दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई जुलाई में होगी।

तिहाड़ में गैंगवार से निपटने के लिए QRT तैयार गौरतलब है कि गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया और प्रिंस तेवतिया की हत्या के बाद से लगातार तिहाड़ जेल की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। इतना ही नहीं तिहाड़ प्रशासन भी सवालों के घेरे में है। इतना ही नहीं आशंका जताई जा रही है कि जेल में गैंगवार की घटनाएं और बढ़ सकती हैं। ऐसे में अब जेल प्रशासन एक्शन में आ गया है।

जेल में गैंगवार की घटना से निपटने के लिए क्विक रेसपॉंस (QRT) बनाई गई है। इतना ही नहीं एक जेल से दूसरे जेल में मोबाइल फोन, ड्रग्स आदि न फेंके जा सकें, इसके लिए हर तरफ जाल भी लगाया जा रहा है।

तिहाड़ जेल प्रशासन ने हाल ही में दिल्ली सरकार को लेटर लिख कर जेल में बंद खूंखार अंडर ट्रायल कैदियों को दूसरे राज्यों की जेलों में शिफ्ट करने की भी मांग की है। तिहाड़ प्रशासन ने लेटर में लिखा है की ट्रांसफर ऑफ प्रिजनर एक्ट में संशोधन किया जाए ताकि किसी भी राज्य की जेल से दूसरे राज्य की जेल में अपराधियों को ट्रांसफर किया जा सके।

फिलहाल नियम ये है कि किसी दूसरे स्टेट में कैदियों का ट्रांसफर करने के लिए उस स्टेट की परमिशन लेनी होती है। ट्रांसफर ऑफ प्रिजनर एक्ट में बदलाव देश की संसद से ही हो सकता है।

टिल्लू ताजपुरिया की 2 मई को हत्या कर दी गई थी। इसका आरोप कथित तौर पर गौगी गैंग के दीपक उर्फ तीतर, योगेश उर्फ टुंडा, राजेश और रियाज खान पर लगा है। ये भी सामने आया था कि हमलावर ताजपुरिया को पिछले दो से तीन साल से मारने का प्लान बना रहे थे।

सोशल मीडिया पर तिहाड़ जेल का एक सीसीटीवी वीडियो सामने आया था, जिसमें ऐसा दिख रहा था कि गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया पर सुरक्षाकर्मियों के सामने उस वक्त भी हमला किया गया था, जब वे उसे चाकू मारने के बाद ले जा रहे थे।

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About the Author: Meera Verma

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