चैट जीपीटी एक ऐसा विषय है जो हर टेक्नोसेवी की जुबान पर है। बिजनैसमेन, कॉरपोरेट या फिर वकील हो या मीडिया चैट जीपीटी हर कोई भरपूर इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस पर आधारित ये टूल कभी-कभी अर्थ का अनर्थ भी कर देते हैं और फिर भारी फजीहत का सामना करना पड़ता है।
हाल ही में न्यूयॉर्क से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल को लेकर खबर सामने आई थी। इस मामले में,स्टीवन नाम के वकील ने अपने कोर्ट में बहस के दौरान मदद के लिए चैटजीपीटी का इस्तेमाल किया। लेकिन यह कारगर नहीं हुआ। वकील इस बात से अनजान थे कि चैटजीपीटी तथ्यों के आधार पर जवाब नहीं देता है। वकील को मशीन से गलत जानकारी मिली। इसी आधार पर उसने कोर्ट में दलील पेश की। जज ने अप्रासंगिक तथ्यों पर अदालत का समय बर्बाद करने के लिए वकील को फटकार लगाई। बहरहाल, वकील साहब मांफी मांगकर कोर्ट रूम से बाहर आ गए।
एडवोकेट स्टीवन इससे पहले एक एयरलाइंस का मुकदमा लड़ते वक्त 6 बार चैटजीपीटी का यूज कर चुके थे।
जब स्टीवन से इन मामलों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने चैटजीपीटी का इस्तेमाल किया था और केस के बारे में जानकारी प्राप्त की थी। जज द्वारा फटकार लगाने के बाद स्टीवन ने अपने बचाव में दावा किया कि वह इस बात से अनजान थे कि चैटजीपीटी गलत जानकारी प्रदान कर रहा है। इस मामले के बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर सवाल उठने लगे। बहरहाल, एडवोकेट स्टीवन ने मांगी और पीछा छुड़ाया।