दिल्ली लिकर स्कैम में फंसे दिल्ली सरकार के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है। इसी महीने 11 मई को मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित किया गया था। आज अदालत बैठते ही बेंच ने फैसला सुनाना शुरू किया और कहा कि सिसोदिया के खिलाफ आरोप काफी गंभीर है, उनका व्यवहार भी सही नहीं रहा है वो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं … इनके पास 18 विभाग रहे हैं। पूर्व उप मुख्यमंत्री रह चुके है और इनके खिलाफ गंभीर आरोप है। इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती।
दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट में सीबीआई ने भी मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया था और जमानत याचिका रद्द करने के लिए लगभग इन्हीं दलीलों का जिक्र किया था।
सीबीआई की तरफ से पेश हुए एएसजी एसवी राजू ने कहा यह एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया घोटाला है। प्रॉफिट मार्जिन 5 से 12% करने को लेकर कोई नोट मौजूद नहीं है, इसपर कोई चर्चा नहीं है, कुछ भी नहीं है, फ़ाइल में ब्याज दरों में वृद्धि का कारण शामिल होना चाहिए। सीबीआई ने कहा कि यह थोक विक्रेताओं को इतना लाभ दे रहे थे? ताकि इसके बदले उनको रिश्वत मिल सके
सीबीआई ने कहा कि GOM की 22 मार्च की रिपोर्ट का ज़िक्र करते हुए कहा कि बुचिबाबू की 20 मार्च की चैट से अगर इसका मिलान करें तो सब कुछ एक दम साफ हो जाएगा, दोनों में सीधा सम्बंध है । सीबीआई ने आरोप लगाया है कि दिल्ली शराब नीति का मसौदा वैसा ही तैयार किया गया जैसा साउथ ग्रुप चाहता था