बॉम्बे हाईकोर्ट ने लुकर इलेक्ट्रिक के खिलाफ दायर मुकदमे में एटमबर्ग को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति मनीष पिटाले की एकल न्यायाधीश बेंच ने पाया कि एटमबर्ग को प्रतिवादी लुकर इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को एटमबर्ग टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड को उनके मुकदमे में कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया, जिसमें लुकर इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड पर डिजाइन उल्लंघन चुराने का आरोप लगाया था।
एटमबर्ग ने 8 सितंबर, 2018 को एक छत के पंखे, ‘एटमबर्ग रेनेसा सीलिंग फैन’ के डिजाइन को पंजीकृत किया था।
इसमें दावा किया गया है कि ल्यूकर ने 21 मार्च, 2022 को दो सीलिंग पंखे: साइज जीरो फैन 1 और 2 के लिए पंजीकरण प्राप्त था
एटमबर्ग ने आरोप लगाया गया है कि ल्यूकर ने करार उल्लंघन के साथ-साथ डिजाइन पासिंग का काम भी किया।
एटमबर्ग ने अदालत को बताया कि उसने वर्ष 2015 में सीलिंग पंखे का उत्पादन शुरू किया था और 2016 से इसे ऑनलाइन भी बेच रहा था।
इसके अलावा 2018 में, एटमबर्ग ने पूरे भारत में खुदरा बाजार में प्रवेश किया।
ल्यूकर ने दावा किया कि एटमबर्ग ने इस तथ्य को दबा दिया कि चुनौती के तहत डिजाइन पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में प्रकाशित किया गया था और इसे “गोरिल्ला सीलिंग फैंस” कहा जाता था।
यह भी दावा किया गया कि एटमबर्ग डिजाइन को पंजीकृत नहीं कर सकता था क्योंकि इसमें कुछ भी नया या अनूठा नहीं था। न्यायमूर्ति पिटाले ने लूकर की दलीलों से सहमति जताई और अंतरिम राहत के लिए एटमबर्ग की याचिका खारिज कर दी।