केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन के तत्कालीन निजी सचिव रहे केएम शाहजहां को जज के ऊपर टिप्पणी करना महंगा पड़ गया। केरल हाई कोर्ट ने इसे कोर्ट की अवमानना मानते हुए अब उनसे बिना शर्त माफी मांगने को कहा है। इसके साथ ही इसी तरह से खेद जताते हुए एक वीडियो यूट्यूब पर अपलोड करने को कहा है।
समाचार पत्रों के अनुसार, शाहजहां का यूट्यूब चैनल प्रतिपक्षम पर एक वीडियो सामने आया था। इस भाषण में उन्होंने जजों पर रिश्वत लेने का गंभीर आरोप लगाया था और कहा था कि इसमें हाई कोर्ट के भी कुछ न्यायाधीश इस घटना में शामिल हैं। हाई कोर्ट ने इसे न्यायपालिका की अवमानना और उन्हें बदनाम करने का मामला मानते हुए स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू की थी।
सुनवाई के दौरान केएम जोसेफ ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर अवमानना की बात मानने से इनकार किया था। हालांकि, कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया। इसके बाद शाहजहां ने बिना शर्त लिखित माफी मांगने की इच्छा जाहिर करते हुए समय मांगा था, जिसे जस्टिस पीबी सुरेश कुमार और जस्टिस सी।एस। सुधा की खंडपीठ ने मंजूर कर लिया।
शाहजहां ने कोर्ट के सामने जजों के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों के लिए खेद जताया और कहा कि वह इसके लिए बिना शर्त माफी मांगने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि वह उसी यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो भी स्ट्रीम करेंगे, जिसमें जजों के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों को वापस लेंगे और आपत्तिजनक वीडियो को लेकर खेद भी जताएंगे।
इसके बाद कोर्ट ने उन्हें बिना शर्त माफी और वीडियो स्ट्रीम करने की अनुमति दी। शाहजहां को 15 जून को अगली तारीख पर पेश होने को कहा गया है। कोर्ट ने कहा, इस बीच प्रतिवादी बिना शर्त माफी दाखिल करेगा। इसके साथ ही वह अगली पोस्टिंग तिथि से पहले एक वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर स्ट्रीम करेगा और इसका लिंक एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में कोर्ट के सामने पेश करेगा।