दिल्ली सरकार की विवादास्पद आबकारी नीति मामले के आरोपी कारोबारी समीर महेंद्रू को दिल्ली हाई कोर्ट ने छह हफ्ते की अंतरिम जमानत दे दी है। महेंद्रू को मनी लॉड्रिंग के मामले में बीमारी के आधार पर जमानत मिली है। दिल्ली हाई कोर्ट ने 25 जुलाई को आरोपी समीर से संबंधित अदालत के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए कहा है।
समीर महेंद्रू एक शराब कारोबारी है और इंडो स्प्रिट के मालिक है। महेंद्रू के घर पर ईडी ने मनी लॉड्रिंग से जुड़े मामलों में इसी महीने छापेमारी भी की थी। इससे पहले समीर महेंद्रू 2013 के एक मामले में सीबीआई का गवाह थे।
समीर महेंद्रू ने 2013 के एक मामले में दिल्ली के दो अधिकारियों- सुशांतो मुखर्जी और अमृक सिंह के खिलाफ गवाही दी थी। यह मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा था। सुशांतो मुखर्जी और अमृक सिंह पर आरोप था कि वो काम के बदले में शराब कारोबारियों से हर महीने 4-5 महंगी शराब की बोतल लेते थे। महेंद्रू की गवाही की वजह से ही कोर्ट ने इन दोनों अधिकारियों को दोषी पाया था।
नई शराब नीति के चलते राजधानी में शराब कारोबारी ग्राहकों को डिस्काउंटेड रेट पर शराब बेच रहे थे। यह ऑफर इतने लुभावने थे कि एक बोतल खरीदने पर दूसरी बोतल फ्री में दी जा रही थी। इस आबकारी नीति के चलते दिल्ली में शराब की करीब 650 दुकानें खुली थीं।
इसके बाद जांच एजेंसी ने इस आबकारी नीति में घोटाले की बात कही और इसके बाद से तो राज्य सरकार लगातार बैकफुट पर आती रही। मामले में संज्ञान लेते हुए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। मामले के तूल पकड़ने के बाद दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति 2021-22 को वापस ले लिया। इसके साथ ही राजधानी में 1 सितंबर से पुरानी शराब नीति दोबारा लागू कर दी गई।