राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में प्रचलित बाल विवाह को स्वत: संज्ञान लेते हुए, महाराष्ट्र सरकार के मुख्य सचिव और राज्य में जालना, औरंगाबाद, परभणी, हिंगोली, नांदेड़, लातूर, उस्मानाबाद और बीड के जिला कलेक्टरों को भी नोटिस जारी किया है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नोटिस में इस प्रथा को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए है यह बताने को कहा है।
एनएचआरसी ने अपने प्रेस वक्तव्य में कहा कि आयोग ने देखा है कि बाल विवाह के पीड़ितों की दुर्दशा के बारे में आर्टिकल, यदि सत्य है, तो यह उनके जीवन, स्वतंत्रता, सम्मान और समानता से संबंधित मानवाधिकारों के उल्लंघन की हुआ है। गरीब लोग विशेष रूप से, मराठवाड़ा क्षेत्र की महिलाएं का।
आयोग ने विशेष प्रतिवेदक श्री पी.एन. दीक्षित को कहा कि वो मराठवाड़ा क्षेत्र का दौरा करेंगे; डेटा एकत्र करें, बाल विवाह की समस्या का गहन अध्ययन करें और लागू कानून के बेहतर कार्यान्वयन के लिए 3 महीने के भीतर उपाय सुझाएं।