झारखंड विधानसभा में नमाज कक्ष आवंटन मामले की सुनवाई हुई सुनवाई चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अदालत में हुई। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार को जवाब देने को कहा था। सुनवाई में झारखंड विधानसभा ने कोर्ट को बताया कि इस मामले की जांच को लेकर विधानसभा की ओर से सात सदस्यीय कमिटी बनायी है। इस कमिटी की ओर से रिपोर्ट नहीं आयी है। झारखंड विधानसभा की ओर से शपथ पत्र दायर कर जवाब दाखिल किया गया।
झारखंड हाईकोर्ट में अजय कुमार मोदी की ओर से दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान झारखंड विधानसभा की ओर से दिए गए जवाब पर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने विधानसभा को पांच सप्ताह में कमेटी की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। आज की सुनवाई में विधानसभा की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार ने पक्ष रखा। पिछली सुनवाई में विधानसभा की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि देश के अलग-अलग राज्यों के विधानसभा से नमाज कक्ष को लेकर एक रिपोर्ट मंगाई गई है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर कानूनी पक्ष को देखते हुए इस संबंध में बनी कमेटी अपना रिपोर्ट देगी।विधानसभा में नमाज कक्ष आवंटित करने का यह मामला साल 2021 का है। झारखंड विधानसभा में सत्र शुरू होते ही कमरा नंबर TW-348 आवंटित किया गया। इससे संबंधित आदेश 02 सितंबर 2021 को जारी किया गया था। आदेश की कॉपी में विधानसभा के उपसचिव नवीन कुमार का हस्ताक्षर भी है।
विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र महतो के निर्देश पर विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी पत्र के बाद विपक्षी दलों के इसका विरोध शुरू कर दिया था। विशेष रूप से भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा विरोध किया था। रांची विधायक और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने विधानसभा परिसर में हनुमान मंदिर स्थापित किए जाने की मांग उठाई थी। बीजेपी विधायक विरंची नारायण ने कहा था कि तब तो सभी धर्मों के लिए पूजा स्थल बनाना चाहिए। बीजेपी ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया था।