मुंबई से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें 1 साल पहले कोर्ट से जारी हुआ वारंट अब तक भी उत्तर प्रदेश के बांदा जेल अधिकारियों के पास नहीं पहुंचा है। वहीं इसका फायदा उठाते हुए एक मामले की तीन आरोपी जेल से रिहा भी हो गए। अब इस मामले में मुंबई की कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए आईजी जेल से रिपोर्ट तलब की है। इसके अलावा डीजीपी महाराष्ट्र ने तीन सदस्यीय टीम बनाकर जांच के आदेश दिए हैं।
मुंबई की एक कोर्ट ने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून के तहत 4 फरार आरोपियों की पेशी को लेकर बांदा जेल अधिकारियों को 2022 में वांरट जारी किया था। ये सभी आरोपी 2017 में बांदा शहर के स्टेशन रोड में एक दुकान पर लूट की वारदात को अंजाम देने को लेकर बांदा जेल में बंद था। वहीं इनका एक साथी हमीरपुर जेल में बंद है।
2022 में बांदा की कोर्ट ने तीन आरोपियों को जमानत दे दी थी। इस बीच मुंबई की कोर्ट ने बांदा जेल को इन आरोपियों को रिहा न कर मुंबई में पेशी के लिए वारंट जारी किया था। लेकिन ये वारंट 1 साल बाद भी जेल प्रशासन को नहीं मिला। इसके एवज में तीनो आरोपी जमानत पर रिहा हो गए। इसको लेकर एक मुंबई की कोर्ट ने नाराजगी जताई है और IG जेल से रिपोर्ट तलब की है।
मुंबई कोर्ट ने 12 जून 2022 को बांदा जेल अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसमें उनसे पूछा गया था कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए। तब कोर्ट ने कहा था कि जेल अधीक्षक ने कोर्ट के वारंट के बावजूद आरोपियों को न तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए और न ही व्यक्तिगत रूप से पेश किया था। तब अधिकारी ने कोर्ट को सूचित किया था कि उन्हें कोर्ट का कोई वारंट प्राप्त नहीं हुआ है। साथ ही बांदा में हथियार लूट में शामिल आरोपियों में से तीन को जमानत पर रिहा किया जा चुका है।