सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को 2020 दिल्ली दंगे के आरोपी उमर खालिद को राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने खालिद की जमानत पर सुनवाई 24 जुलाई तक के लिए टाल दी है। मामले की सुनवाई के दौरान जब दिल्ली पुलिस ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा, तो खालिद के वकील कपिल सिब्बल ने कहा, “वह आदमी दो साल से अधिक समय से जेल में है, अब जमानत मामले में क्या जवाब चाहिए?”
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील रजत नायर ने कहा कि, “आरोपपत्र हजारों पन्नों में हैं, ऐसे में हमें जवाब दाखिल करने के लिए कुछ उचित समय चाहिए।
अदालत दिल्ली दंगों की साजिश मामले में खालिद द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था। खालिद को दिल्ली पुलिस ने सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था और उस पर आपराधिक साजिश, दंगा, गैरकानूनी सभा और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की कई धाराओं के आरोप लगाए गए थे। तब से वह जेल में ही है। इसी साल मई में शीर्ष अदालत ने जमानत याचिका को लेकर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। खालिद ने दिल्ली उच्च न्यायालय के अक्टूबर 2022 के फैसले को चुनौती देने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिसने उसे जमानत देने से इनकार कर दिया था। मार्च 2022 में कड़कड़डूमा अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज होने के बाद खालिद ने उच्च न्यायालय में अपील की थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ यूएपीए के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं इसलिए उसे जमानत नहीं दी जा सकती।