सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद राहुल गांधी द्वारा आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा को निलंबित करने की मांग वाली याचिका पर पूर्णेश मोदी और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त को तय की है।
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति पीके मिश्रा की पीठ ने पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी किया, जिन्होंने 2019 में राहुल गांधी के खिलाफ उनकी टिप्पणी “मोदी सभी चोरों का सामान्य उपनाम कैसे है?” के लिए आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज की थी। यह टिप्पणी 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान की गई थी।
राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ से राहत मांगी, पीठ ने कहा, ‘इस स्तर पर सीमित प्रश्न यह है कि क्या दोषसिद्धि पर रोक लगाई जानी चाहिए।’ वकील सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस नेता ने 111 दिनों तक पीड़ा झेली है, एक संसद सत्र खो दिया है और दूसरा खोने वाले हैं। बेंच ने कहा कि दूसरे पक्ष को सुने बिना कोई भी आदेश पारित नहीं किया जा सकता।
दरअसल कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी गुजरात उच्च न्यायालय के सात जुलाई के आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है और कहा था कि यदि उस आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे ‘स्वतंत्र भाषण, और स्वतंत्र विचार खत्म हो जाएगा। गुजरात उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ ने 7 जुलाई को मानहानि मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने की गांधी की याचिका खारिज कर दी थी।
गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस हेमंत प्रच्छक ने उनकी याचिका खारिज करते हुए टिप्पणी की थी, ”अब राजनीति में शुचिता- समय की मांग है। अदालत ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोषसिद्धि पर रोक कोई मानक नहीं है बल्कि केवल दुर्लभ मामलों में दिया जाने वाला एक अपवाद है। इसमें गांधी की सजा पर रोक लगाने का कोई उचित आधार नहीं मिला।