केंद्र सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वर्तमान निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग करते हुए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। बुधवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से मामले से मामले पर जल्द सुनवाई की गुहार लगाई। जिसके बाद अदालत ने अनुरोध स्वीकार कर लिया और गुरुवार दोपहर 3.30 बजे सुनवाई निर्धारित की है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक ईडी निदेशक के तौर पर एसके मिश्रा का कार्यकाल 31 जुलाई को खत्म हो जाएगा।
संजय मिश्रा को शुरुआत में नवंबर 2018 में दो साल के कार्यकाल के लिए ईडी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया, उनका कार्यकाल नवंबर 2020 में समाप्त हो गया। मई 2020 में 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति की आयु तक पहुंचने के बावजूद, केंद्र सरकार ने 13 नवंबर, 2020 को एक कार्यालय आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि राष्ट्रपति ने 2018 के आदेश को इस आशय से संशोधित किया था कि ‘दो वर्ष’ की अवधि को ‘तीन वर्ष’ की अवधि में बदल दिया गया था।
इस संशोधन को ‘एनजीओ कॉमन कॉज़’ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सितंबर 2021 में, शीर्ष न्यायालय ने राष्ट्रपति द्वारा किए गए संशोधन को मंजूरी दे दी, लेकिन मिश्रा के लिए आगे के विस्तार की अनुमति नहीं दी। इसके बाद, केंद्र सरकार ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) अधिनियम में संशोधन करते हुए एक अध्यादेश पेश किया, जिससे खुद को ईडी निदेशक के कार्यकाल को पांच साल तक बढ़ाने का अधिकार मिल गया।
संसद ने बाद में ईडी निदेशक के कार्यकाल को एक बार में एक वर्ष के लिए, अधिकतम 5 वर्ष तक बढ़ाने के लिए एक कानून पारित किया था। इस नये प्रावधान को शीर्ष अदालत में भी चुनौती दी गयी। 11 जुलाई को, सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी अधिनियम में विधायिका द्वारा किए गए संशोधनों को बरकरार रखा, जिससे केंद्र सरकार को ईडी निदेशक के कार्यकाल को 5 साल तक बढ़ाने की शक्ति मिल गई। हालाँकि, इसने मिश्रा को दिए गए विस्तार को यह कहते हुए अमान्य कर दिया कि यह 2021 के फैसले का खंडन करता है। जिसके बाद अदालत ने केंद्र सरकार को 31 जुलाई, 2023 तक एक नया निदेशक नियुक्त करने का निर्देश दिया गया।